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Yoni me se Pani Aana "योनि में से पानी आना " ka Homeopathy Ilaj.

योनि में से पानी आना 

Yoni me se Pani Aana



1. क्रियोजोट- अगर स्त्री को प्रदर तेज बदबूदार, कमजोरी लाने वाला हो तथा यह स्राव शरीर के किसी अंग पर लग जाने से खाल तक उतर हो तो ऐसे लक्षणों में रोगी स्त्री को क्रियोजोट औषधि की 6 शक्ति देना लाभकारी रहता है। प्रदर बिना उत्तेजना वाला, गहरे भूरे रंग का, गाढ़ा काला सा, जख्म पैदा करने वाला, श्वेतसार (योनि में से सफेद रंग का पानी आना) होता है तथा यह स्राव कपड़ों में लगने से पीले से दाग पड़ जाते हैं। स्राव कच्चे सरसों की तरह बदबूदार आना आदि लक्षणों में रोगी स्त्री को क्रियोजोट औषधि दी जा सकती है। 

2. आयोड- प्रदर के कारण त्वचा पर जख्म पैदा हो जाना, कपड़ों में दाग लग जाना आदि में रोगी स्त्री को आयोड औषधि देने से लाभ मिलता है। प्रदर काले रंग का और बदबू के साथ आने पर आयोड औषधि अच्छा असर करती है। 

3. कार्बो-वेज- अगर मासिकधर्म आने से पहले प्रदर गहरे रंग का आता हो तो कार्बो-वेज औषधि का प्रयोग किया जा सकता है। 

4. पल्स- प्रदर का गहरा और गाढ़े रंग का आने पर पल्स औषधि से उपचार करना चाहिए। 

5. सिपिया- प्रदर मलाई की तरह, तेज बदबूदार आने पर सिपिया औषधि की 3 शक्ति से उपचार किया जा सकता है। 

6. बेल- प्रदर रोग में खून जमा होने जाने पर या नए तरह के रोग में बेल औषधि की 3 शक्ति ली जा सकती है। प्रदर बारी-बारी से आता हो, प्रदर आने पर बहुत तेज काटता हुआ सा दर्द होता हो, दर्द दांयी ओर से लेकर बांयी ओर तक फैल जाता है ऐसे लक्षणों में बेल औषधि लेने से लाभ मिलता है। 

7. कैल्के-कार्ब- प्रदर के खुजली के साथ आने पर कैल्के-कार्ब औषधि का सेवन करना अच्छा रहता है। 

8. ऐमोन-कार्ब- प्रदर अगर पानी की तरह पतला, जलन और तेज होता हो तो रोगी स्त्री को ऐमोन-कार्ब औषधि देनी चाहिए। 

9. नेट्रम-म्यूर- प्रदर अगर तेज बदबूदार, पानी की तरह, कुटकुटाता हुआ सा आता हो तो नेट्रम-म्यूर औषधि का सेवन करना लाभदायक रहता है। 

10. ऐमोन-म्यूर- प्रदर अंडे के अन्दर के सफेद भाग की तरह सफेद रंग का आना, नाभि के चारों ओर शूल-वेदना, पेशाब करने के बाद योनि के रास्ते से चिकनापन पदार्थ आना, भूरे रंग का स्राव निकलना आदि ऐसे लक्षण होने पर ऐमोन-म्यूर औषधि का प्रयोग करना अच्छा रहता है। 

11. बोरैक्स- प्रदर अंडे की अन्दर के सफेद भाग के समान आना, स्त्री को प्रदर के समय ऐसा लगता है जैसे कि योनि में से गर्म पानी निकल रहा हो। ऐसे लक्षणों में रोगी स्त्री को बोरैक्स औषधि देने से आराम मिलता है। प्रदर श्वेतसार की तरह सफेद रंग का आना, चिकना, बिना दर्द का आने पर बोरैक्स औषधि की 3 शक्ति ली जा सकती है। 

12. कैलि-कार्ब- स्त्री को प्रदर दूध की तरफ सफेद सा आना, तेज खुजली होना। यह रोग छोटी बच्चियों हो होने पर उपचार के लिए कैलि-कार्ब औषधि का प्रयोग किया जा सकता है। 

13. नाइट्रिक-एसिड- प्रदर का ताजे मांस की तरह, हरे रंग का, बहुत तेज बदबू के साथ आने पर नाइट्रिक-एसिड औषधि का सेवन करना अच्छा रहता है।

14. लैकेसिस- प्रदर का बहुत ज्यादा मात्रा में आना, बहुत ज्यादा तेज आना, कपड़ों में लगने पर दाग से पड़ जाना जैसे आने पर रोगी स्त्री को लैकेसिस औषधि देनी चाहिए। 

15. ऐल्यूमिना- अगर प्रदरस्राव में किसी तरह की औषधि से लाभ नहीं हो तो रोगी स्त्री को ऐल्यूमिना औषधि की 30 या 300 शक्ति देने से जरूर लाभ मिलता है। 

16. ग्रैफाइटिस- अगर प्रदर बिना रंग का आता हो, प्रदर इतना तेज होता है कि शरीर के किसी अंग में लग जाता है तो वहां की खाल उतर जाती है, स्त्री के स्तनों में अकड़न सी पैदा हो जाती है, स्त्री को संभोगक्रिया से नफरत हो जाती है। इन लक्षणों में ग्रैफाइटिस औषधि का सेवन कराना लाभदायक होता है। 

17. हेलोनियस- रोगी स्त्री को प्रदर के साथ ऐसा महसूस होता है जैसे कि उसका गर्भाशय भी उसके साथ बाहर आ रहा हो, स्त्री को अपने शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी स्त्री को हेलोनियस औषधि देने से लाभ मिलता है। 

18. इस्क्युलस- रोगी स्त्री को प्रदरस्राव के साथ ही पीठ और कमर में दर्द होना तथा जिसके कारण से उसको चलने में परेशानी हो जाती है। इस तरह के लक्षणों में इस्कयुलस औषधि का प्रयोग कराया जा सकता है। 

19. एलिट्रिस-फेरिनोसा- रोगी स्त्री को प्रदर आने के साथ शरीर में बहुत कमजोरी महससू होने पर एलिट्रिस-फेरिनोसा औषधि दी जा सकती है। विभिन्न औषधियां- 

1. अगर प्रदर लसदार आता हो तो रोगी स्त्री को कैलि-बाई, हाइड्रैस्टिस, ऐलूम या कैलि-म्यूर औषधि देनी चाहिए। 

2. प्रदर पानी के तरह पतला सा आने पर रोगी स्त्री को ऐमोन-कार्ब, ग्रैफाइटिस, मर्क-कोर, सिपिया या सिफिलिनम औषधि देना लाभकारी रहता है। 

3. प्रदर तेज बदबू वाला, बिल्कुल पानी की तरह पतला, पीले रंग का, इतना तेज कि अगर शरीर में किसी अंग पर लग जाए तो वहां की खाल तक उतर जाती है जैसा आता हो तो रोगी स्त्री को लिलियम-टिग, ऐल्यूमिना, फेरम, फास्फो या मर्क-सोल औषधि दी जा सकती है। 

4. प्रदर दूध की तरह सफेद रंग का तेज बदबूदार आता है, स्त्री जब पेशाब करती है तो पेशाब के साथ प्रदरस्राव भी होता रहता है। इस प्रकार के लक्षणों में उसे सिलिका, पल्स या कैल्के-कार्ब औषधि देना फायदेमंद होता है। 

5. अगर प्रदर लाल रंग का आता हो तो रोगी स्त्री को काक्युलस या चायना औषधि दी जा सकती है। 

6. अगर प्रदर श्लेष्मामय रूप में आता हो तो रोगी स्त्री को बोरैक्स औषधि या मैग्ने-कार्ब औषधि लेने से लाभ मिलता है।


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