प्रसव के बाद मैला-पानी निकलना
Prasav ke Baad Maila Pani Nikalna
परिचय- स्त्री के बच्चे को जन्म देने के बाद नारबेल के निकल जाने के बाद गर्भाशय से 10-12 दिनों तक लगातार मैला-पानी निकलता रहता है। शुरू के कुछ दिनों तक इस पानी में खून मिला हुआ आता है, इसके 5 दिन बाद इस पानी का रंग पीला सा हो जाता है और फिर दूध की तरह का सफेद हो जाता है। इस तरह पानी आने की प्रक्रिया 10-12 दिन में समाप्त हो जाती है। अगर इस प्रकार पानी आने की समस्या साधारण तौर पर चलती रहे तो रोगी स्त्री को किसी प्रकार की औषधि के सेवन की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन अगर ठंड लग जाने से या भोजन में गड़बड़ी के कारण इस पानी का आना अचानक से बंद हो जाए या काफी दिन तक आते रहे या इसमें खून आता रहे तो उस समय रोगी स्त्री को औषधि देनी जरूरी हो जाती है। रोगी स्त्री को खून गिरने के बाद बीस दिनों तक जरायु से थोड़ा-थोड़ा खून बह सकता है।
विभिन्न औषधियों से उपचार:
1. पल्सेटिला- अगर स्त्री को मैला पानी आना किसी डर, सदमे, गुस्से के कारण या ठंड लगने के कारण, बरसात में, वातावरण में नमी के कारण अचानक रुक जाता है, रोगी स्त्री को बुखार आ जाना, सिर में दर्द होना, पैरों का ठण्डा पड़ जाना, पेशाब का बार-बार आना जैसे लक्षण प्रकट होते हैं और यही लक्षण शाम के समय और ज्यादा बढ़ जाते हैं और सुबह होने पर धीरे-धीरे करके कम होते जाते हो तो ऐसे में रोगी स्त्री को पल्सेटिला औषधि की 30 शक्ति देना लाभदायक रहता है।
2. डलकेमारा- अगर बारिश के कारण स्त्री का मैला पानी आना बंद हो जाता है और इसके लक्षण तेज आंधी-तूफान में बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं तो उस समय डलकेमारा औषधि की 30 शक्ति लेना लाभदायक रहता है।
3. ऐकोनाइट- अगर रोगी स्त्री को मैला पानी आना रुक जाने के कारण बुखार आ जाता है, उसकी त्वचा गर्म और सूखी हो जाती है, बेचैनी होने लगती है, उसके मन में किसी तरह की परेशानी और उदासी बैठ जाती है तो ऐसे लक्षणों में रोगी स्त्री को ऐकोनाइट औषधि की 3x मात्रा या 30 शक्ति देने से आराम मिलता है।
4. सिकेलि- प्रसव के बाद स्राव कई दिनों तक जारी रहे तो ऐसी स्थिति में उपचार के लिए सिकेलि औशधि की 3 शक्ति का प्रयोग करें।
5. सैबाइना- बहुत दिनों तक लाल रंग का खून बह रहा हो तो इस रोग को ठीक करने के लिए सैबाइना औषधि की 3x मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
6. कार्बो-वेज, क्रियाजोट तथा कैलेण्डुला- इस रोग से पीड़ित रोगी का स्राव बदबूदार हो तो उपचार के लिए क्रियाजोट की 3 शक्ति या कर्बो-वेज की 6 शक्ति का उपयोग करें और कैलेण्डुला के मदरटिंचर को पानी में मिलाकर रोज तीन बार योनि को धोए।
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