प्रसव के बाद बहुत ज्यादा खून आना
Prasav ke Baad Bahut Jyada Khoon aana
1. इपिकाक- स्त्री के प्रसव (बच्चे को जन्म देना) के बाद बहुत ज्यादा मात्रा में खून का लगतार आते रहना, नाभि के आसपास के भाग में बहुत तेज दर्द होना, जी मिचलाना, शरीर का ठंडा पड़ जाना जैसे लक्षणों में इपिकाक औषधि की 30 शक्ति लाभदायक रहती है।
2. आर्निका- प्रसव के बाद बहुत ज्यादा खून का बहना जिसका कोई खास कारण पता नहीं चलता, रोगी स्त्री के अंगों में दर्द का होना तथा दर्द का असर ऐसा होना जैसे प्रसव के समय में होता है आदि लक्षण होने पर आर्निका औषधि की 3, 30 या 200 शक्ति का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
3. कैमोमिला- प्रसव के बाद बहुत ज्यादा खून आने के साथ प्रसव के समय होने जैसे बहुत तेज दर्द होना जैसे लक्षणों में कैमोमिला औषधि का सेवन करना लाभकारी है।
4. ब्रायोनिया- स्त्री के प्रसव के बाद बहुत ज्यादा काले रंग के खून का आना, पीठ के नीचे के हिस्से में दर्द जो किसी तरह की हरकत से तेज हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों में ब्रायोनिया औषधि की 30 शक्ति ली जा सकती है।
5. ट्रिलियम- अगर स्त्री के प्रसव के बाद मैला पानी अचानक खून के रूप मे आने लगता है तो उस समय स्त्री को ट्रिलियम औषधि का रस या 3 शक्ति देने से लाभ मिलता है। स्वाभाविक तौर पर तो मैला पानी बह रहा हो और धीरे-धीरे पीला पानी आए लेकिन यदि प्रसव के बाद मैला पानी न आकर खून बह रहा हो तो इस स्थिति में उपचार के लिए ट्रिलियम औषधि के मूल अर्क या 3 शक्ति का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
6. बेलाडोना- स्त्री के प्रसव के बाद खून का ज्यादा मात्रा में बहना, जननांगों पर भारीपन सा महसूस होना, पीठ में बहुत तेज दर्द होना, चेहरे का लाल हो जाना, बार-बार प्यास लगना जैसे लक्षणों में रोगी स्त्री को बेलाडोना औषधि की 30 शक्ति देनी चाहिए।
7. चायना- स्त्री के प्रसव के बाद इतना ज्यादा खून आता है कि स्त्री के हाथ-पैर ठंडे पड़कर नीले पड़ जाते हैं, सिर घूमने लगता है, बेहोशी आने लगती है। इस तरह के लक्षणों में चायना औषधि की 6 या 30 शक्ति लाभदायक रहती ह
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