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Garbhavastha ke Samay me Jhuthe Dard "गर्भावस्था के समय में झूठे दर्द" ka Homeopathy Ilaj.

गर्भावस्था के समय में झूठे दर्द 

Garbhavastha ke Samay me Jhuthe Dard



परिचय- गर्भवती को प्रजनन की बीच की अवस्था में या प्रसव होने के कुछ दिन पहले कभी-कभी हल्का-हल्का दर्द होता है जिसे झूठा दर्द कहा जाता है। इस झूठे दर्द होने पर यह नहीं समझना चाहिए कि प्रसव होने वाला है। प्रसव होने के समय में असली दर्द होता है जबकि ऐसी स्थिति में झूठा दर्द होता है। झूठे दर्द की अवस्था में स्त्री को बदहजमी हो जाती है, झूठा दर्द उदर के ऊपरी भाग में होता है और यह अस्थायी तथा अनियमित होता है, इस अवस्था में दर्द तो होता है लेकिन जरायु का मुंह नहीं खुलता है जबकि असली दर्द कमर के पीछे की ओर तथा स्थायी और नियमित होता है तथा इस अवस्था में जरायु का मुंह हर दर्द के साथ खुलता चला जाता है। 


गर्भावस्था के समय में झूठे दर्द होने पर औषधियों से चिकित्सा :- 

1. जेल्सीमियम :- यदि किसी गर्भवती के जरायु में कठोरता उत्पन्न होने के कारण से झूठा दर्द हो रहा हो तथा वह नर्वस हो गई हो, शरीर में कंपन हो रहा हो, शरीर में बिल्कुल भी ताकत महसूस न हो, उसकी चैतन्यता भी कम हो जाती है, वह अधिक आलसी हो गई हो तो ऐसी स्त्री के इस झूठे दर्द को दूर करने के लिए जेल्सीमियम औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करें। 

2. ऐकोनाइट :- यदि किसी गर्भवती को प्रसव के समान झूठे दर्द हो रहा हो और गर्भाशय पर दबाव महसूस हो रहा हो तथा इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें जैसे- चेहरा तमतमा जाना, त्वचा गर्म हो जाना, सिर की तरफ खून का दौरा हो जाना, नाड़ी तेज, भारी और पूरी चलना आदि। ऐसी गर्भवती की इस झूठे दर्द को ठीक करने के लिए ऐकोनाइट औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना उचित होता है। 

3. बेलाडोना :- रोगी स्त्री में इस प्रकार के दर्द का लक्षण हों जैसे- जरायु का मुंह पूरी तरह से न फैल रहा हो, भ्रूण को बारह धकेलने के लिए जरायुमुख में संकोचन-शक्ति पर्याप्त न हो और झूठा दर्द एकदम आता हो और एकदम चला जाता हो तो इस स्थिति में ऐसी स्त्री के इस प्रकार के कष्टों को दूर करने के लिए बेलाडोना औषधि की 30 या 200 शक्ति का उपयोग करना लाभकारी है। 

4. ऐक्टिया रेसिमोसा :- गर्भावस्था पूरा हो जाने के पहले ही प्रसव होने जैसा झूठा दर्द होना, कूल्हे से कूल्हे तक प्रजनन-प्रदेश में दर्द होना, जरायु के मुंख के कठोर होने के कारण से तेज दर्द होना, सारे शरीर में थकावट महसूस होना, स्नायविक कंपन होना, कभी-कभी स्नायविक ऐंठन होना तो कभी न होना आदि प्रकार के लक्षण होने पर उपचार के लिए ऐक्टिया रेसिमोसा औषधि की 3 से 30 शक्ति का उपयोग करना अधिक लाभदायक होता है। 

5. कॉलोफाइलम :- यह औषधि स्त्रियों के रोगों को ठीक करने के लिए अधिक उपयोगी होती है। यह औषधि उस समय अधिक उपयोगी है जब प्रसव के समय में स्त्री को दर्द अधूरा होता है और पूर्ण रूप से दर्द झूठा होता है। जब स्त्री के गर्भाशय में दर्द का भाव महसूस तो हो लेकिन वास्तव में दर्द नहीं है तो इस अवस्था में यह अधिक लाभकारी औषधि है। गर्भवती के छोटे-छोटे जोड़ों में, कलाई में दर्द हो तथा इस प्रकार के दर्द झूठा दर्द के साथ हो तो उसके इस दर्द को दूर करने के लिए इस औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग करना उचित होता है। इस प्रकार के झूठे दर्द को ठीक करने के लिए इस औषधि की 1x मात्रा का भी प्रयोग किया जा सकता है। 

6. सिकेल कौर :- गर्भावती स्त्री को प्रसव होने जैसा झूठा दर्द हो और यह दर्द देर तक बना रहे और उसमें इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें जैसे- त्वचा ठंडा पड़ जाना लेकिन शरीर को कपड़े से ढकना बर्दाश्त न होना। ऐसी स्त्री के इस रोग को ठीक करने के लिए सिकेल कौर औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करें। 

7. ब्रायोनिया :- गर्भावस्था के समय में यदि किसी स्त्री को झूठा दर्द हो रहा हो और हरकत करने से दर्द बढ़ रहा हो और आराम करने या पेट को दबाने पर कम हो रहा हो तो ऐसी स्त्री के इस दर्द को दूर करने के लिए ब्रायोनिया औषधि की 30 शक्ति उपयोगी होती है। 

8. कैमोमिला :- यदि किसी गर्भवती को झूटा दर्द रहा हो और वह इससे बहुत अधिक परेशान हो गई हो तथा बेचैन रह रही हो, कभी-कभी बीच में गहरे लाल रंग का खून का स्राव हो तो ऐसी स्त्री के इस कष्ट को दूर करने के लिए कैमोमिला औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।

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