"Health tips, home remedies, ayurvedic health tips, ayurvedic beauty tips, ayurvedic tips, health secrets, health tips in hindi, natural health tips in hindi"

Aapeksha tatha Akdan "आक्षेप तथा अकड़न" ka Homeopathy Upchar.

आक्षेप तथा अकड़न 
Aapeksha tatha Akdan



परिचय- किसी गर्भवती स्त्री के प्रसव होने के बाद या पहले सारे शरीर में आक्षेप हो जाए तो यह अवस्था बहुत अधिक गंभीर होती है क्योंकि इससे रोगी स्त्री को इस समय में बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि किसी गर्भवती स्त्री में इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत ही सुला देना चाहिए, ये लक्षण इस प्रकार हैं-हमेशा सिर भारी महसूस होना, पेशाब की मात्रा कम हो जाना, सारे शरीर में कंपन होना, पैर तथा मुंह फूले रहना या आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, सारे शरीर में दर्द रहना आदि। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी को कड़वी तथा नमकीन चीजों का भोजन बिल्कुल भी न दें। रोगी स्त्री को पानी, दूध या फलों का रस इस अवस्था में पिला सकते हैं। 


लक्षण :- रोगी स्त्री के सिर में दर्द होता है, सारे शरीर में ऐंठन होती है, शरीर की शक्ति कम हो जाती है, मुंह से कोई भी शब्द नहीं निकलती है, अधिक थकावट महसूस होती है तथा हाथ-पैरों में अकड़न भी होती है। इस प्रकार के लक्षण उत्पन्न होने के बाद आंखों की पुतली बंद होने लगती है, मुंह कभी इस कंधे तथा कभी उस कंधे की ओर रहता है, जीभ बाहर की ओर निकल आती है, धनुष्टंकार की तरह पूरे शरीर में अकड़न होने लगती है और फिर प्रसूता बहोश हो जाती है। दो से चार मिनट के बाद रोगी स्त्री होश में आ जाती है और इसके बाद बार-बार इस प्रकार के आक्षेप और बेहोशी होती रहती है। ऐसे आक्षेप और बेहोशी के कारण से रोगी स्त्री की मृत्यु भी हो सकती है। कारण :- गर्भवती स्त्रियों को यह रोग यकृत के ऊपरी भाग में से छोटे-छोटे अनगिनत अंग से रक्त स्राव होना या मस्तिष्क में खून की कमी (एनीमिया) या पेशाब में अण्डलाल (एल्ब्युमिन) जमा हो जाने के कारण से होता है। 

आक्षेप होने पर औषधियों से उपचार :- 

1. साइक्यूटा :- प्रसव होने के समय में स्त्री को शरीर में अधिक अकड़न हो रही हो तथा पीठ पीछे की ओर मुड़ जाए और शरीर अकड़ जाए तो ऐसी स्थिति में उपचार के लिए साइक्यूटा औषधि की 6, 30 या 200 शक्ति उपयोगी होती है। 

2. कैमोमिला :- प्रसव होने की अवस्था में तेज दर्द होने के साथ ही चेहरा लाल पड़ जाए तथा आक्षेप उत्पन्न हो तो गर्भवती के इस प्रकर के लक्षण को दूर करने के लिए कैमोमिला औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। 

3. हायोसायमस :- गर्भवती स्त्री को आक्षेप होने पर उपचार करने के लिए हायोसायमस औषधि की 3x मात्रा का उपयोग करना लाभदायक होता है। प्रसव के समय में गर्भवती के शरीर की हर पेशियों में ऐंठन तथा फड़कन हो, आंख से लेकर अंगूठे तक फड़के, चेतना बिल्कुल भी न रहे और बहुत अधिक कष्ट हो और वह रोये तथा चिल्लाये तो ऐसी स्थिति में उसकी चिकित्सा के लिए हायोसायमस औषधि की 30 शक्ति प्रति आधे घंटे पर प्रयोग करने से लाभ मिलता है।

4. हाइड्रोसाएनिक-एसिड :- गर्भवती स्त्री को आक्षेप होने के समय में रोग को ठीक करने के लिए बेलेडोना औषधि की 6 शक्ति का उपयोग करना अधिक लाभदायक होता है। ऐसी अवस्था में रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिक-एसिड औषधि की 3 शक्ति या 3x मात्रा का भी प्रयोग किया जा सकता है। 

5. विरेट्रम विरिडि :- गर्भवती स्त्री को प्रसव होने के समय में या पहले या बाद में शरीर में खींचन होने के साथ ही ठण्डा पसीना आ रहा हो, नाड़ी पूर्ण और द्रुत तथा प्रलाप हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में उसके इस समस्या को खत्म करने के लिए विरेट्रम विरिडि औषधि की 3x मात्रा का प्रयोग करें। 

6. ओपियम :- गर्भवती स्त्री को आक्षेप होने के बाद खासकर के किसी प्रकार की दिमागी गड़बड़ी उत्पन्न होने पर ऐसी अवस्था में उपचार करने के लिए ओपियम औषधि की 30 शक्ति देना चाहिए। 

7. ऐकोनाइट :- यदि किसी प्रसूता को आक्षेप होने के पहले बुखार के साथ तेज प्यास लग रही हो तो ऐसी अवस्था उसके इस रोग को ठीक करने के लिए ऐकोनाइट औषधि की 3x मात्रा का सेवन करायें। 

8. स्ट्रैमोनियम :- प्रसव के समय में स्त्री का पुरा शरीर कांपे लेकिन चेतना बनी रहे तथा बेहोशी न हो तो एसी स्थिति में स्ट्रैमोनियम औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराएं। 

9. बेलाडोना :- प्रसव अवस्था में यदि गर्भवती के सिर में खून जमा हो जाए और चेहरा फूल जाए तथा अधिक पसीना आने के साथ ही आक्षेप उत्पन्न हो और पेडू के नीचे की तरफ बोझ महसूस हो तो उसकी इस स्थिति में उपचार के लिए बेलाडोना की 30 शक्ति का प्रयोग करना उचित होता है। 

10. जेल्सीमियम :- प्रसव होने के समय में सिर में चक्कर आ रही हो, पेट में ऐंठन हो तथा आक्षेप उत्पन्न हो, अकड़न भी हो और अंगों में कंपन हो रही हो तो ऐसी स्थिति में जेल्सीमियम औषधि की 30 शक्ति उपचार के लिए अच्छी होती है। 

11. इग्नेशिया :- प्रसव के समय में अकड़न तथा आक्षेप गर्भवती में उत्पन्न हो तो उसकी इस समस्या को दूर करने के लिए इग्नेशिया औषधि की 200 शक्ति का प्रयोग करें।


Post a Comment

0 Comments